अब बिना सुई के लगवाएं इंजेक्शन! IIT बॉम्बे ने बनाई शॉक सिरिंज, जानिए क्या है नई तकनीक
- MimTimes मिम टाइम्स م ٹائمز

- Dec 27, 2024
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27 December 2024
मुंबई,इंजेक्शन लगवाने से डरने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। IIT बॉम्बे के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है। उन्होंने शॉकवेव बेस्ड नीडल-फ्री सिरिंज तैयार की है, जिसमें सुई की जगह शॉकवेव्स (उच्च-ऊर्जा दबाव तरंगों) का इस्तेमाल किया जाता है। यह सिरिंज बिना दर्द और बिना चोट के दवा को शरीर में पहुंचाने में सक्षम है।
कैसे काम करती है शॉक सिरिंज?
यह सिरिंज पारंपरिक सुई की तरह त्वचा को नहीं भेदती। इसके बजाय, यह शॉकवेव्स की मदद से दवा को त्वचा में प्रवेश कराती है। दवा इतनी तेजी से त्वचा में जाती है कि दर्द का अहसास ही नहीं होता। इसे विकसित करने में IIT बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की टीम ने अहम भूमिका निभाई है।
किसके लिए फायदेमंद है यह सिरिंज?
• सुई से डरने वाले लोग: जिन्हें इंजेक्शन या वैक्सीन लगवाने से डर लगता है।
• डायबिटीज मरीज: जिन्हें रोज़ाना इंसुलिन लेना पड़ता है।
• संक्रमण से बचाव: चूंकि इसमें सुई का इस्तेमाल नहीं होता, यह संक्रमण का खतरा कम करता है।
शॉक सिरिंज की खासियत:
• सिरिंज का नोज़ल बेहद पतला (125 माइक्रॉन, यानी बाल की मोटाई के बराबर) है।
• बिना किसी दर्द और चोट के दवा शरीर में पहुंचती है।
• दवा की सही मात्रा सही जगह पर पहुंचती है।
• त्वचा और ऊतकों को कोई नुकसान नहीं होता।
• पारंपरिक इंजेक्शन की तुलना में यह किफायती है।
कैसे हुई टेस्टिंग?
वैज्ञानिकों ने इस तकनीक का परीक्षण चूहों पर किया। परिणामों से पता चला कि यह पारंपरिक सुई जितनी ही प्रभावी है।
• इंसुलिन के इस्तेमाल पर: रक्त में शुगर का स्तर लंबे समय तक नियंत्रित रहा।
• एंटीफंगल और एनेस्थेटिक दवाएं: त्वचा और रक्त में आसानी से पहुंचीं।
• कम जलन और कम नुकसान: त्वचा पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ा।
भविष्य में क्या होगा इसका उपयोग?
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह तकनीक बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए तैयार है। शॉक सिरिंज के जरिए दवाएं तेज़ और सुरक्षित तरीके से दी जा सकेंगी। इस तकनीक से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़ा बदलाव आ सकता है।
IIT बॉम्बे की यह अनोखी पहल इंजेक्शन के दर्द से छुटकारा दिलाने और चिकित्सा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।









