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महाराष्ट्र में 4 महीने में सभी महानगरपालिका, नगर परिषद, जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव,ओबीसी आरक्षण पहले जैसा लागू ,सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

  • Writer: MimTimes मिम टाइम्स  م ٹائمز
    MimTimes मिम टाइम्स م ٹائمز
  • May 6
  • 2 min read

6 May 2025


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि राज्य में सभी लंबित नगर निकाय चुनाव – जैसे महानगरपालिका, नगर परिषद, जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव – अगले चार महीनों में कराए जाएं। इसके लिए चार हफ्तों के अंदर चुनाव की अधिसूचना (नोटिफिकेशन) जारी की जानी चाहिए।

यह आदेश जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य में कई जगहों पर पिछले पांच सालों से चुनाव नहीं हुए हैं और वहां अधिकारियों (प्रशासकों) को बैठाया गया है, जो संविधान के खिलाफ है। स्थानीय संस्थाएं चुने हुए जनप्रतिनिधियों से ही चलनी चाहिए।

• चार हफ्तों में नोटिफिकेशन, चार महीने में चुनाव पूरे हों।

• ओबीसी को वही आरक्षण मिले जो 1994 से 2022 तक था।

2022 में ओबीसी की कुछ सीटें कम कर दी गई थीं। कोर्ट ने कहा कि वह रिपोर्ट नहीं मानी जाएगी और 2022 से पहले की स्थिति लागू की जाएगी।

• राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को मिलकर चुनाव प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

• कोर्ट ने कहा कि लंबे समय तक प्रशासक बैठाना गलत है। यह जनता के अधिकारों का उल्लंघन है।

• सभी राजनीतिक दलों ने कहा कि वे चुनाव के पक्ष में हैं और कोई भी इसके खिलाफ नहीं है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि देश में आरक्षण अब "रेल के डिब्बे" जैसा हो गया है – जो चढ़ गया है, वो किसी और को चढ़ने नहीं देता। उन्होंने सवाल उठाया कि सिर्फ कुछ जातियों को ही आरक्षण क्यों मिलना चाहिए? बाकी गरीब और पिछड़े लोगों को क्यों नहीं?

2021 में महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने कुछ जिलों में ओबीसी और एससी/एसटी को मिलाकर 50% से ज्यादा आरक्षण दे दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बता कर रद्द कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि ओबीसी को अधिकतम 27% आरक्षण ही दिया जा सकता है।अब महाराष्ट्र में जल्द ही मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक जैसी जगहों पर नगर निकाय चुनाव होंगे। लोगों को फिर से चुने हुए जनप्रतिनिधि मिलेंगे और लोकतंत्र मजबूत होगा।















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